Wednesday, May 26, 2010
पाखी
चीर कालजो जावै पाखी!
चारूकानी जाळ बिछ्या है
कियां बापड़ा आवै पाखी!
मिलै जठै भी चुग्गो पाणी
चहक-चहक बतियावे पाखी!
आपां आंरी पाँख चुरावां
कनै जादै भी आवे पाखी!
मिलै चुग्गो,चैन, ठिकानों
गीत बठै ही गावै पाखी!
अतुल जैन
Monday, May 24, 2010
जन्वाईजी
भलाई पधारया घर पावणा जी राज
घणी मनुवार थांरी करस्यां म्हे आज।
म्हारी लाडेसर बाई रा थे हो भरतार,
पलकां बिछावाँ थांरे गेलान में आज।
बैठोजी जवाईजीथे खेजड्ले री छाँव ,
दूध स्यूं धुलावान थांरा नाजुक नाजुक पाँव।
पियोजी जन्वाईजी थाने ठंडाई रो चाव
बोलो तो फलां रो रस देवान म्हे काढाय
भ्रमर राजस्थानी ।
Sunday, May 23, 2010
आज रो मौसम
आज रो मौसम नसीलो देख्ल्यो
होग्यो आकाश गीलो ,देख्ल्यो!
थारां हाथां भी मेहंदी के राची
सज उठ्यो सावन सजीलो, देख्ल्यो!
झीणे झी णे घूँघट स्यूं झांकतो
चाँद सो मुखड़ो लजीलो,देख्ल्यो!
अतुल जैन
Tuesday, May 18, 2010
थे अर म्हे
थे तो घूमो चाँदणी में
म्हे भटका अन्धेरां में !
थे देवो गांवां में भाषण
म्हे रोजी ढूँढा शहरा में!
थे पुळ रो उद्घाटन करियो
बिसूं बहग्या जद लहरां में!
थे बोल्या म्हे सुणता रैया
थे गिनलिया म्हाने बहारा में!
रतन जैन
Monday, May 17, 2010
राजस्थानी शब्द कोष
डांगर- जानवर
दाणा -दाने
दल्लिद्दर -हीण,गरीब
डेडोडेडो - टेढ़ा- टेढ़ा
डील - शरीर
डोळ- रूपरंग
दिसावर- परदेश
डगल मिटटी के ढ़ेले
डागलो- छत
डली टुकड़ा
साभार: मारवाड़ी डाइजेस्ट