पायल बजावता चाल्या आओसा,
हलचल मचावता चाल्या आओसा।
रूप रो तावाडियो पुग्यो अकाशां
सावन बरसावता चाल्या आओसा।
प्यार रो रस्तो है काँटा भरियो
मखमल बिछावता चल्या आओसा।
सांसां नै बाँध ली ओल्युं थांरी
सुधियाँ लुतावता चाल्या आओसा।
रतन जैन
Friday, August 12, 2011
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