छापर। हाल ही में प्राकृतिक आपदा में यहाँ हिरनों कि मौत से कई सवाल पैदा हो गए है। इस योजना पर ५ करोड़ रुपैये खर्च हो चुके है पर हिरनों कि सुरक्षा निश्चित नहीं हो सकी है। इतनी संख्या में हरिन मरे है कि जो जहां मिला वाही गाड दिया गया।
बिदासर। कसबे के भामाशाह व समाजसेवी लक्ष्मीपत चौरडिया के निधन पर लोगो णे उन्हें भावभीनी श्रीधांजलि दी है। बुधवार को यहाँ आवश्यक सेवाओं को छोड़ कर पूरा बाज़ार बंद रहा।
पडिहारा। युवा कार्यकर्ता करणीसिंह राजपूत कि यहाँ हार्ट अटक से निधन होगया। वह ६२ वर्ष के थे।
चुरू । थली क्षेत्र में हुई जोरदार बारिश से किसानो के चहरे खिल गए है। यह बारिश समूचे राजस्थान में हुई है। खरीफ कि बुवाई शुरू होगी है।